राहु शांति के उपाय ज्योतिष शास्त्र में एक पाप ग्रह के रूप में देखा जाता है। राहु एक छाया ग्रह है और यह कुंडली में शुभ स्थिति में शुभ फल और अशुभ स्थिति में अशुभ फल प्रदान करता है। समस्त ग्रहों में राहु ही एक ऐसा ग्रह है, जिससे मनुष्य से लेकर देवता तक डरते हैं। राहु की दशा व अंतर्दशा में व्यक्ति की बुद्धि भ्रमित हो जाती है, तथा ऐसी स्थिति में व्यक्ति गलत निर्णय ले लेता है, जिसके लिए उसे भविष्य में पछताना पड़ता है। राहु ध्यान को खींचने को वाला ग्रह है। राहु के पास सिर है, आंखे हैं, दिमाग है परन्तु राहु के पास दिल नहीं है। राहु के पास खुद की दृष्टि नहीं है। राहु पर जिसकी दृष्टि पड़ती है या युति होती है तो उसे उस ग्रह की दृष्टि मिल जाती है।
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राहु ग्रह से संबंधित कई उपाय हैं, जिन्हें करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। यदि आप राहु के अशुभ प्रभाव से पीड़ित हैं तो नीचे दिए गए उपाय अवश्य करें। यह सभी आजमाए हुए फलित उपाय है।
- सिंहिका पुत्र राहु के समस्त अरिस्टों के शांति हेतु भगवती दुर्गा की सविधि उपासना या दुर्गा सप्तशती का पाठ अमोघ है। विशेष कष्टकारी स्थितियों के लिए शतचंडी यज्ञ का अनुष्ठान और हवन करना चाहिए।
- राहु पीड़ा नाग-श्राप से भी संबंधित रहती है, अतः नागदेव की मूर्ति बनाकर उसकी विधिवत पूजा करनी चाहिए।
- राहु-मंत्र का जप हवन और भार्गव ऋषि प्रणीत लक्ष्मी-ह्रदय का पाठ करें साथ ही शनिवार का व्रत रखें।
- औषधि स्नान एवं गूगल का नित्य धूप देना लाभप्रद रहता है।
- योग्य आचार्य से प्राप्त छिन्नमस्ता मंत्र या बटुक भैरव मंत्र का प्रयोग चमत्कारी फलदायक होता है।
- राहु कृत प्रेत बाधा या अभिचार सुरक्षा के लिए प्रत्यंगिरा-मंत्र अथवा नृसिंह-कवच का प्रयोग करना चाहिए।
- उत्तम गोमेद चांदी की अंगूठी में दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए।
- नित्य देवी की पूजा करते रहना चाहिए एवं यथाशक्ति काले पदार्थों का दान करना चाहिए।
- राहु को प्रसन्न करने के लिए गोमेद युक्त राहु यंत्र धारण करें।
- नवनाग-स्त्रोत का पाठ करें एवं शिवजी पर बिल्व-पत्र चढ़ावे।
- राहु यंत्र की घर में स्थापना से भी, व्यक्ति की पीड़ा कम हो जाती है।
- किसी आश्रम में जाकर कोढ़ियों की सेवा करने से राहु दोष शांत होता है।
- प्रात:काल में कौए के लिए मीठी-रोटी किसी बर्तन में टुकड़े करके रखे।
- रात्रि में सोने से पूर्व अपने सिरहाने जौ रखें और अगले दिन जागने पर इनका दान किसी व्यक्ति को कर दें।
- श्रावण मास में प्रति सोमवार लघु-रुद्र का पाठ करें एवं शिवजी के मंदिर के नित्य दर्शन करें।
- नाग-पंचमी के दिन तांबे या चांदी का नाग बनवाकर उसे किसी शिवलिंग पर चढ़ावें।
- धतूरे के पुष्प शिवजी पर चढ़ावें एवं लोहे या स्टील के पात्र में जल पीवें।
- दहेज में बिजली का सामान, नीले रंग के कपड़े, स्टील के बर्तन न लेना।
- सरसों, नीलम, तंबाकू का दान करना एवं घर-आँगन में धुंआ न करना।
- परिवार से अलग न रहना व परिवार का मुखिया न बनना।
- राहु पीड़ा की विशेष शांति हेतु बला, कूट, मूसली, नागर मोथा, सरसों, हल्दी एवं लोध मिलाकर आठ मंगलवार तक स्नान करना।
- हरिवंश पुराण के अनुसार राहु से पीड़ित जातक को पराई कन्या का दान संकल्पपूर्वक करना चाहिए, इससे पुत्र लाभ होता है।
इस तरह आप राहु ग्रह की शांति के उपाय करके राहु ग्रह की शांति कर सकते है. कुंडली में दूसरे ग्रहों की शांति के उपाय जानने के लिए हमारी ग्रहों की शांति के उपाय की सूची को देखिये
- सूर्य देव शांति के उपाय
- चंद्रमा देव शांति के उपाय
- मंगल देव शांति के उपाय
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- गुरु देव शांति के उपाय
- शुक्र देव शांति के उपाय
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- केतु देव शांति के उपाय
दोस्तों हम उम्मीद करते हैं कि आप राहु ग्रह शांति के उपाय को समझ गए होंगे। अगली बार जब आप राहु ग्रह शांति के उपाय के बारे में सुनते हैं, तो आपको कोई भी सवाल नहीं आना चाहिए। आज के लिए बस इतना ही, आगे भी हम आपको देवी देवताओ की जानकारी जैसे मंत्र, श्लोक, स्तोत्र, आरती, कवच आदि; ज्योतिष शास्त्र से संबंधित जानकारियां, रत्न और रुद्राक्ष से संबंधित जानकारियां उपलब्ध कराते रहेंगे।
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