सूर्य शांति के उपाय सूर्यदेव को सृष्टि का संचालक माना गया है। सूर्यदेव की समय के अनुसार उपासना करने से, सूर्यदेव सब कुछ प्रदान करते है , जैसे- दीर्घायु, आरोग्य, धन, ऐश्वर्य, पशु, मित्र, स्त्री, पुत्र तथा अनेकानेक उन्नति के व्यापक क्षेत्र व आठ प्रकार के भोग इत्यादि। कुंडली में अगर सूर्य ग्रह खराब हो तो व्यक्ति का मनोबल कमजोर होता है। घर में पिता और कार्यक्षेत्र में अधिकारियों से परेशानी बनी रहती है। इसके अलावा सेहत भी आए दिन खराब ही रहती है। साथ ही कहा जाता है कि ऐसे व्यक्तियों का भाग्योदय जन्म स्थान पर संभव नहीं होता।
अपनी जन्म कुंडली से जाने आपके 15 वर्ष का वर्षफल, ज्योतिष्य रत्न परामर्श, ग्रह दोष और उपाय, लग्न की संपूर्ण जानकारी, लाल किताब कुंडली के उपाय, और अन्य जानकारी, अपनी जन्म कुंडली बनाने के लिए यहां क्लिक करें।
सूर्य ग्रह से संबंधित कई उपाय हैं, जिन्हें करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। यदि आप सूर्य के अशुभ प्रभाव से पीड़ित हैं तो नीचे दिए गए उपाय अवश्य करें। यह सभी आजमाए हुए फलित उपाय है।
- सूर्य कृत समस्त अरिस्टों के शमानार्थ सूर्य मंत्र का विधिवत अनुष्ठान एवं “आदित्य हृदय स्त्रोत” (वाल्मीकि कृत रामायण से) का पाठ सर्वोत्तम होता है। यह सूर्य पीड़ा को समाप्त करने के लिए अमोघ अस्त्र है। इससे समस्त शारीरिक व्याधियों, शत्रु बाधा, विभागीय और सरकारी कार्य विभाग में विवाद आदि में निश्चित लाभ मिलता है।
- सूर्य यदि पाप ग्रहों के साथ हो, विशेष रुप से शनि या राहु की युति में हो तो विधिवत रूप से रुद्राभिषेक करना या कराना चाहिए।
- नेत्र व्याधियों में सूर्य नमस्कार सहित नेत्रोपनिषद का नित्य पाठ करें।
- सूर्य कृत समस्त अरिस्टों के नाश के लिए नवग्रह कवच सहित सूर्य कवच एवं सूर्य सतनाम का पाठ भी पर्याप्त शुभ प्रभाव देता है। शिव अर्चन एवं महामृत्युंजय जप का साधन सर्व अरिष्टनाशक होता है।
- संक्रांति के दिन तुलादान भी सूर्य शांति में लाभदायक है।
- प्रतिदिन लाल चंदन एवं केसर मिश्रित जल से सूर्याजली देना व गायत्री जप करना भी श्रेयस्कर होता है।
- सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए सूर्योदय के समय जब आधा ही सूर्य निकले तब लाल पुष्प डालकर सूर्य को नियमित रूप से जल से अर्ध्य दें।
- यदि आत्मबल बढ़ाना हो, अभीष्ट सिद्धि हो या धन प्राप्ति की इच्छा हो तो माणिक युक्त सूर्य यंत्र स्वर्ण धातु में धारण करें।
- रविवार का व्रत 5 या 11 बार रखना।
- हरिवंश पुराण की कथा करना या सुनना व सूर्य को मीठा डालकर अर्ध्य देना।
- कनक, गुड़, तांबा आदि का दान करना।
- गुड को बहते हुए पानी में बहाना तथा चाल-चलन ठीक रखना।
- घर का दरवाजा पूर्व की ओर रखना एवं घर का आंगन खुला रखना।
- बंदर को गुड़ और चने देना या बंदर को पालना।
- भूरी चीटियों को तिरचोली डालना, सूर्यास्त से पहले।
- चारपाई के पायो में तांबे की कील गाड़ना।
- ब्लैक मार्केटिंग करने वाले स्मगलर या सटोरियों से मित्रता ना रखना।
- ग्यारह रविवार दोपहर में केवल दही भात का सेवन करना।
- 11 या 21 रविवार तक कमल के लाल फूलों को गणपति जी पर चढ़ावे।
- स्वर्णा पात्र में जल पीवें तथा ताम्रपत्र में रात्रि में गारनेट और केसर डालकर जल भर दें एवं प्रातः सूर्य को अर्ध्य देकर वही जल पी लेवें।
- सूर्य के होरा में निर्जल रहे एवं रविवार को नमक का त्याग करें।
- सूर्य पीड़ा की विशेष शांति हेतु इलायची, साठी, चावल, मधु अमलतास, कमल, कुमकुम और देवदार मिलाकर सात रविवार तक स्नान करें।
- माणिक्य लाल धारण करना माणिक्य के अभाव में रातड़ी या ताँबा धारण करना।
- घर में स्वर्ण बिंदु युक्त “श्री यंत्र” स्थापित करें एवं श्री सूक्त के 15 मंत्रों का नियमित पाठ करें।
इस तरह आप सूर्य ग्रह की शांति के उपाय करके सूर्य ग्रह की शांति कर सकते है. कुंडली में दूसरे ग्रहों की शांति के उपाय जानने के लिए हमारी ग्रहों की शांति के उपाय की सूची को देखिये
- सूर्य देव शांति के उपाय
- चंद्रमा देव शांति के उपाय
- मंगल देव शांति के उपाय
- बुध देव शांति के उपाय
- गुरु देव शांति के उपाय
- शुक्र देव शांति के उपाय
- शनि देव शांति के उपाय
- राहु देव शांति के उपाय
- केतु देव शांति के उपाय
आप हमसे हमारे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते है।
Facebook – @kotidevidevta
Youtube – @kotidevidevta
Instagram – @kotidevidevta
Twitter – @kotidevidevta
नवग्रह के रत्न और रुद्राक्ष से जुड़े सवाल पूछने के लिए हमसे संपर्क करें यहाँ क्लिक करें
अपनी जन्म कुंडली से जाने आपके 15 वर्ष का वर्षफल, ज्योतिष्य रत्न परामर्श, ग्रह दोष और उपाय, लग्न की संपूर्ण जानकारी, लाल किताब कुंडली के उपाय, और अन्य जानकारी, अपनी जन्म कुंडली बनाने के लिए यहां क्लिक करें।
नवग्रह के नग, नेचरल रुद्राक्ष की जानकारी के लिए आप हमारी साइट Gems For Everyone पर जा सकते हैं। सभी प्रकार के नवग्रह के नग – हिरा, माणिक, पन्ना, पुखराज, नीलम, मोती, लहसुनिया, गोमेद मिलते है। 1 से 14 मुखी नेचरल रुद्राक्ष मिलते है। सभी प्रकार के नवग्रह के नग और रुद्राक्ष बाजार से आधी दरों पर उपलब्ध है। सभी प्रकार के रत्न और रुद्राक्ष सर्टिफिकेट के साथ बेचे जाते हैं। रत्न और रुद्राक्ष की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।