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आइये जानते है पांच मुखी रुद्राक्ष की विशेषताए
पांच मुखी रुद्राक्ष सभी रुद्राक्षों में से सबसे लोकप्रिय रुद्राक्ष है। यह रुद्राक्ष समृद्धि और जीवन में सफलता का प्रतीक है। सभी रुद्राक्षों में से पांच मुखी रुद्राक्ष सबसे ज्यादा उत्पन्न होता है। नेपाल में सबसे अच्छी गुणवत्ता का रुदाक्ष पाया जाता है। कालाग्नि रूद्र के रूप में पांच मुखी रुद्राक्ष को इस ब्रह्माण्ड में स्थापित किया गया है | पांच देवों की कृपा से परिपूर्ण यह रुद्राक्ष पांच तत्वों के दोषों का नाश करने में सहायक होता है | शिव के उपासकों को पांच मुखी रुद्राक्ष की माला अवश्य धारण करनी चाहिए | पांच देवों की कृपा होने के कारण से यह माला भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है | यह व्यक्ति को जीवन के सभी प्रकार के अवांछित बंधनों से मुक्त करने के लिए और समय के साथ पहनने वाले की इच्छांओं पूरा करता है। यह पहनने वाले के आसपास की सभी नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देता क्योंकि यह भगवान शिव की शक्ति से ओत-प्रोत है।
पांच मुखी रुद्राक्ष का अधिपति ग्रह बृहस्पति है, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में अनगिनत लाभ देने के लिए जाना जाता है। यदि आपकी जन्म कुंडली में लाभकारी स्थिति में बृहस्पति है तो यह आपके जीवन में खुशी और सफलता की नई ऊंचाइयां लाता है। लेकिन यह कमजोर स्थिति में हैं तो यह व्यक्ति के जीवन को प्रभावित भी करता है।
पांच मुखी रुद्राक्ष को बृहस्पति के क्रूर प्रभाव के इलाज के लिए एक प्रभावी उपाय के रूप में गिना जाता है। यह सभी प्रकार के पापों को शुद्ध करने के लिए जाना जाता है यही कारण है कि अधिकांश ऋषि और विद्वान इसे धारण करके रखते हैं। यह पहनने वाले को जीवन के उद्देश्य के साथ संरेखित करने में मदद करता है। इस रुद्राक्ष की सबसे अच्छी बात यह है कि इसे कोई भी पहन सकता है।
पांच मुखी रुद्राक्ष को आप घर या कार्यालय में भी रख सकते हैं ताकि वातावरण में नकारात्मकता को दूर किया जा सके। यह भगवान शिव के 5 रुपों का प्रतीक है। हिंदू वेद मानव को 5 तत्वों से बना मानते हैं- अग्नि, जल, वायु, आकाश और पृथ्वी जिसके साथ ब्रह्मांड बना है। 5 मुखी रुद्राक्ष पहनने से इस सभी तत्वों का शरीर में नियंत्रण रहता है।
पांच मुखी रुद्राक्ष धारण के लाभ
- यह रुद्राक्ष पहनने वाले को निडर बनाता है
- यह रुद्राक्ष ऊर्जा के निर्बाध प्रवाह के लिए शरीर पर सभी चक्रों को सक्रिय करने में मदद करता है
- यह रुद्राक्ष बृहस्पति के क्रूर प्रभाव को कम करने में मदद करता है
- यह रुद्राक्ष अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है
- यह रुद्राक्ष धारक को तनावमुक्त बनाता है और मन को शांत रखता है
- यह रुद्राक्ष शरीर में रक्त के परिसंचरण में सुधार करता है
- यह रुद्राक्ष अनिद्रा को दूर करने में मदद करता है
- यह रुद्राक्ष पहनने वाले की आत्मा को जागृत करता है और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देता है
- यह रुद्राक्ष व्यक्ति को बुद्धिमान बनाता है और व्यक्तित्व से नीरसता को दूर करता है
- यह रुद्राक्ष विद्वानों, लेखकों, पत्रकारों और ऐसे व्यवसायों से संबंधित लोगों को लाभान्वित करता है
- यह रुद्राक्ष विद्यार्थियों के लिए भी लाभदायक है क्योंकि यह पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है
- यह रुद्राक्ष श्वसन विकारों को ठीक करने में मदद करता है
पांच मुखी रुद्राक्ष किसको धारण करना चाहये
- राशि के अनुसार – धनु राशि, मीन राशि वालों को पांच मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए
- लग्न के अनुसार – धनु लग्न, मीन लग्न वालों को पांच मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए
- नक्षत्र के अनुसार – पुनर्वसु नक्षत्र, विषाखा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र वालों को पांच मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए
- मूलांक अंक 3 वालों को पांच मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए
- जिन जातकों का गुरु नीच का हो और मकर राशि में अगर विराजमान हो तो उन जातको का गुरु 6-8-12-वे स्थान में बैठा और अगर गुरु अस्त कमजोर हो तो उन जातक भी पांच मुखी रुद्राक्ष पहन सकते हैं।
पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
- पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का दिन सोमवार अथवा
- शिवरात्रि के दिन या श्रावण मास के किसी भी दिन रुद्राक्ष धारण करने के लिए शुभ माने गये है।
- पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र “‘ॐ ह्रीम नमः’”है और शिव का पंचाक्षर बीज मंत्र “ॐ नमःशिवाय” है। दोनों में से किसी भी एक मंत्र का 108 उच्चारण कर पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण किया जा सकता है।
- ध्यान रहे नियमित पांच माला का “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करने से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
- रुद्राक्ष हमेशा चांदी, सोने और तांबे या पंचधातु में और इसे काले या लाल धागे के साथ एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए
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