सात मुखी रुद्राक्ष – जेम्स फॉर एवरीवन

  • क्वालिटी
  • साइज
  • वजन
  • पैसा वसूल
5/5Overall Score

नैचरल छह मुखी रुद्राक्ष लैब सर्टिफिकेट के साथ
कीमत:  ₹350 से शुरू
वजन: 2.5 gram से 4.5 gram
मुखी: 7 मुखी
साइज : 16 mm से 22 mm
मूल: नेपाल

Specs
  • नैचरल रुद्राक्ष: 100% नैचरल रुद्राक्ष लैब सर्टिफिकेट के साथ
  • उच्चतम क्वालिटी: बेहतरीन क्वालिटी के रुद्राक्ष के दाने
Pros
  • ✔️ 100% नैचरल
  • ✔️ सबसे कम कीमत
  • ✔️ लैब सर्टिफाइड
  • ✔️ वीडियो कॉल निरीक्षण खरीदने से पहले
  • ✔️ सुरक्षित पेमेंट
  • ✔️ उत्तम क्वालिटी का प्रोडक्ट

जेम्स फॉर एवरीवन – नागपुर और इंटरनेट पर रत्न, रत्नों के गहनों और हीरे के आभूषणों का प्रमुख प्रदाता है। जेम्स फॉर एवरीवन मै आपको प्राकृतिक रंग के रत्नों की एक विस्तृत श्रृंखला मिलेगी जैसे – नीलम, पुखराज, पन्ना, माणिक, मोती, गोमेद, मूंगा, लहसुनिया, हीरा आदि। सभी प्रकार के नव ग्रह के नग लैब सर्टिफिकेट के साथ बेचे जाते है।
1 से १४ मुखी नैचरल रुद्राक्ष लैब सर्टिफिकेट के साथ मिलते है। मार्किट से आधी रेट पर सर्टिफाइड रुद्राक्ष मिलते है।

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सावधान – आज बाजार मैं कई लोग नकली रुद्राक्ष बेच रहे है। इन लोगो सें सावधान रहे। आप हमारे यहाँ से बाजार मैं मिलने वाले रुद्राक्ष आधी कीमत पर खरीद सकते है।

आइये जानते है सात मुखी रुद्राक्ष की विशेषताए

सात मुखी रुद्राक्ष की सतह पर सात प्राकृतिक धारियां होती हैं। इसमें अन्य रूपों के विपरीत भगवान शिव के अनंग रूप को दर्शाया गया है। यह मनका सप्तमातृकाओं द्वारा और धन की देवी मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से युक्त होता है, जो इसे और भी अधिक शक्तिशाली और लाभों से युक्त बनाता है। सातमुखी रुद्राक्ष का अधिपति ग्रह शनि है, जो अनुशासन और कर्मों पर गहरी नजर रखता है। यदि आपकी जन्मकुंडली में शनि कमजोर स्थिति में है तो आप इसे धाऱण करके नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं।

नेपाल का सात मुखी रुद्राक्ष उच्च गुणवत्ता का पाया जाता है। यह पहनने वाले को अनुदान देने, अपने भीतर शक्तियों का एहसास करने और सर्वोत्तम तरीके से उनका उपयोग करने के लिए जाना जाता है।

सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने के फायदे

  • सात मुखी रुद्राक्ष में 7 दिव्य सर्प निवास करते हैं जो इसे धारण करने वाले को अपार शक्ति से जोड़ता है।
  • यह रुद्राक्ष शनि के क्रूर प्रभाव को कम करता है जो खुशी और विकास को प्रतिबंधित करता है
  • यह रुद्राक्ष पहनने वाले को जहर के प्रभाव से दूर रखता है
  • यह रुद्राक्ष मांसपेशियों के दर्द औऱ गठिया जैसी समस्याओं को ठीक करता है
  • यह रुद्राक्ष धन को स्थिर रखने में मदद करता है
  • यह रुद्राक्ष वित्तीय आय बढ़ाने में मदद करता है
  • यह रुद्राक्ष हितों औऱ कलात्मक कौशल की समझ को बढ़ाता है
  • यह रुद्राक्ष धारक के जीवन में सुख-समृद्धि और संतोष लाता है
  • यह रुद्राक्ष जीवन में दुख और दुर्भाग्य को दूर करने में मदद करता है
  • यह रुद्राक्ष शुक्र ग्रह के प्रभाव को कम करता है।
  • यह रुद्राक्षधारी के जीवन में आशा और सकारात्मक महसूस करने में मदद करता है
  • यह रुद्राक्ष जीवन में नए अवसरों के द्वार को खोलने में मदद करता है
  • यह रुद्राक्ष शरीर में मणिपुर चक्र से जुड़ता है, जो साहस और आत्म-सम्मान को प्रज्जवलित करता है
  • यह पहनने वाले को वित्तीय सुरक्षा प्राप्त करने में मदद करता है
  • यह रुद्राक्ष रचनात्मक और अंतर्ज्ञान को बढ़ान में मदद करता है
  • यह रुद्राक्ष शनि की साढ़े साती या ढैय्या के समय सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इस रुद्राक्ष को धारण करने पर शनिदेव खुश रहते हैं।
  • यह रुद्राक्ष दिल की समस्याओं का इलाज करने मदद करता है
  • यह रुद्राक्ष यौन संबंधी समस्याओं के इलाज में मदद करता है
  • यह रुद्राक्ष धारक के लिए रोजगार के अवसरों और संभावनाओं को खोलने में मदद करता है।

किन जातकों को सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए

  • राशि के अनुसार – मकर राशि, कुंभ राशि वालों को सात मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए
  • लग्न के अनुसार – मकर लग्न, कुंभ लग्न वालों को सात मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए
  • नक्षत्र के अनुसार – पुष्य नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, वालों को सात मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए
  • मूलांक अंक 8 वालों को सात मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए

सात मुखी रुद्राक्ष को धारण की विधि

  • पहनने का दिन: सात मुखी रुद्राक्ष को शनिवार को पहनने के लिए कहा जाता है क्योंकि इसका मुख्य उद्देश्य शनि के प्रभाव को कम करना है।
  • दूसरी ओर यदि आप इसे शुक्रवार को पहनते हैं तो यह जीवन में समृद्धि को आकर्षित करता है।
  • इसे सुर्योदय से पहले उठकर स्नानादि करने के पश्चात घर की पूर्व दिशा में बैठकर  “ॐ हूँ नमः” का 108 बार जाप करना चाहिए।
  • इसके अलावा इसे धारण करने के पश्चात प्रतिदिन पांच माला इस मंत्र का जाप करना चाहिए। 

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