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अन्नपूर्णा देवी की आरती

बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम जो नहीं ध्यावै तुम्हें अम्बिके, कहाँ उसे विश्राम । अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेते होत सब काम ।। प्रलय युगांतर और जन्मांतर, कालांतर तक नाम । सुर सुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहाँ राम…