धनु लग्न के जातक को बृहस्पति लग्नेश व चतुर्थ शुभ स्थान का स्वामी होने के कारण अत्यंत ही शुभ माना गया है
इसके कारण से पुखराज रत्न आप आजीवन धारण कर सकते हैं जीवन में चल शारीरिक स्वस्थ के लिए अचल संपत्ति प्रतिष्ठा व शिक्षा में सफलता पाने के लिए गुरु का रत्न पुखराज धारण करना चाहिये
धनु लग्न में सूर्य त्रिकोण भाग्य का स्वामी और यह लग्नेश का मित्र होने के कारण भाग्य में उन्नति तथा पुत्र सुख के लिए अतः आप माणिक धारण कर सकते हैं
धनु लग्न में मंगल पंचमेश वह द्वादश स्थान का स्वामी है पंचम में त्रिकोण का स्वामी होने से द्वादश का दोष नहीं लगता
संतान सुख विद्या व मान प्रतिष्ठा के लिए मंगल का रत्न मूंगा धारण कर सकते हैं
धनु लग्न में कौन से रत्न धारण नहीं करना चाहिए
मोती पन्ना हीरा वह नीलम यह रत्न कभी धारण नहीं करना चाहिये
पुखराज गुरुवार को गुरु के होरे मैं माणिक्य रविवार को सूर्य के होरे में मुंगा मंगलवार को मंगल के होरे में धारण करना चाहिये
या कोई भी पुष्य नक्षत्र या गुरु पुष्य नक्षत्र मैं धारण करना चाहिये
यह ध्यान रहे उस वक्त राहु काल ना हो कोई भी रत्न सवा 4 कैरेट से 8 कैरेट के बीच में जो भी वजन का मिले वह उंगली में या लॉकेट में धारण करना चाहिये