श्रावण मास महात्म्य – ग्यारहवां अध्याय

रोटक तथा उदुम्बर व्रत का वर्णन सनत्कुमार बोले – हे देव ! श्रावण मास के वारों के सभी व्रतों को मैंने आपसे सुना किन्तु आपके वचनामृत का पान करके मेरी तृप्ति नहीं हो रही है. हे प्रभो ! श्रावण के…
रोटक तथा उदुम्बर व्रत का वर्णन सनत्कुमार बोले – हे देव ! श्रावण मास के वारों के सभी व्रतों को मैंने आपसे सुना किन्तु आपके वचनामृत का पान करके मेरी तृप्ति नहीं हो रही है. हे प्रभो ! श्रावण के…
श्रावण मास किए जाने वाले कृत्यों का वर्णन ईश्वर बोले – हे सनत्कुमार ! अब मैं आपसे शनिवार व्रत की विधि का वर्णन करूँगा, जिसका अनुष्ठान करने से मंदत्व नहीं होता है. श्रावण मास में शनिवार के दिन नृसिंह, शनि…
जीवन्तिका व्रत की कथा ईश्वर बोले – हे सनत्कुमार – इसके बाद अब मैं शुक्रवार व्रत का आख्यान कहूँगा, जिसे सुनकर मनुष्य संपूर्ण आपदा से मुक्त हो जाता है.लोग इससे संबंधित एक प्राचीन इतिहास का वर्णन करते हैं.पांड्य वंश में…
श्रावण मास में किए जाने वाले बुध-गुरु व्रत का वर्णन ईश्वर बोले – हे सनत्कुमार ! अब मैं समस्त पापों का नाश करने वाले बुध-गुरु व्रत का वर्णन करूँगा जिसे श्रद्धापूर्वक करके मनुष्य परम सिद्धि प्राप्त करता है. ब्रह्मा जी…
मंगलागौरी व्रत का वर्णन तथा व्रत कथा ईश्वर बोले – हे सनत्कुमार ! अब मैं अत्युत्तम भौम व्रत का वर्णन करूँगा, जिसके अनुष्ठान करने मात्र से वैधव्य नहीं होता है. विवाह होने के पश्चात पाँच वर्षों तक यह व्रत करना…
सनत्कुमार बोले – हे भगवन ! मैनें रविवार का हर्षकारक माहात्म्य सुन लिया, अब आप श्रावण मास में सोमवार का माहात्म्य मुझे बताइए। ईश्वर बोले – हे सनत्कुमार ! सूर्य मेरा नेत्र है, उसका माहात्म्य इतना श्रेष्ठ है तो फिर…
श्रावण मास में किए जाने वाले विभिन्न व्रतानुष्ठान और रविवार व्रत वर्णन में सुकर्मा द्विज की कथा ईश्वर बोले – हे सनत्कुमार ! करोड़ पार्थिव लिंगों के माहात्म्य तथा पुण्य का वर्णन नहीं किया जा सकता. जब मात्र एक लिंग…
धारणा-पारणा, मासोपवास व्रत और रूद्र वर्तिव्रत वर्णन में सुगंधा का आख्यान ईश्वर बोले – हे सनत्कुमार ! अब मैं धारण-पारण व्रत का वर्णन करूँगा. प्रतिपदा के दिन से आरंभ कर के सर्वप्रथम पुण्याहवाचन कराना चाहिए. इसके बाद मेरी प्रसन्नता के…
श्रावण माह में की जाने वाली भगवान शिव की लक्ष पूजा का वर्णन सनत्कुमार बोले – हे भगवन ! आपने श्रावण मासों का संक्षिप्त वर्णन किया है. हे स्वामिन ! इससे हमारी तृप्ति नहीं हो रही है, अतः आप कृपा…
श्रावण मास में विहित कार्यो का विवरण ईश्वर बोले – हे महाभाग ! आपने उचित बात कही है. हे ब्रह्मपुत्र ! आप विनम्र, गुणी, श्रद्धालु तथा भक्तिसंपन्न श्रोता हैं. हे अनघ ! आपने श्रावण मास के विषय में विनम्रतापूर्वक जो…
श्रावण का सम्पूर्ण मास मनुष्यों में ही नही अपितु पशु पक्षियों में भी एक नव चेतना का संचार करता है जब प्रकृति अपने पुरे यौवन पर होती है और रिमझिम फुहारे साधारण व्यक्ति को भी कवि हृदय बना देती है।…
श्रावण मास भगवान शिव का प्रियामास है, जिसमे श्रद्धा से पूजा साधना करने से भगवान शिव इच्छाओं को पूर्ण कर देते हैं। यदि जीवन में शिवत्व प्राप्त करना है तो श्रावण मास से अधिक कोई भी सिद्ध मुहूर्त नहीं है।…
श्रावण विशेष मे शिव और सावन – सावन 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त तक रहेगा. पहला सोमवार: 26 जुलाई, दूसरा सोमवार: 02 अगस्त, तीसरा सोमवार: 09 अगस्त, चौथा सोमवार: 16 अगस्त। सावन का अंतिम दिन भी 22 अगस्त…
Mritasanjeevani Stotram मृतसञ्जीवन स्तोत्रम् ||एवमाराध्य गौरीशं देवं मृत्युञ्जयेश्वरम् |मृतसञ्जीवनं नाम्ना कवचं प्रजपेत् सदा ||१|| सारात्सारतरं पुण्यं गुह्यात्गुह्यतरं शुभम् |महादेवस्य कवचं मृतसञ्जीवनामकम् ||२|| समाहितमना भूत्वा शृणुश्व कवचं शुभम् |शृत्वैतद्दिव्य कवचं रहस्यं कुरु सर्वदा ||३|| वराभयकरो यज्वा सर्वदेवनिषेवित: |मृत्युञ्जयो महादेव: प्राच्यां मां…
मार्कण्डेय मुनि द्वारा वर्णित “महामृत्युंजय स्तोत्र” मृत्युंजय पंचांग में प्रसिद्ध है और यह मृत्यु के भय को मिटाने वाला स्तोत्र है। इस स्तोत्र का नित्य पाठ करने से भक्त के मन में भगवान के प्रति दृढ़ विश्वास हो जाता है…
Shiv Stotram – Shiva Stotram निखिलभुवनजन्मस्थेमभङ्गप्ररोहाः, अकलितमहिमानः कल्पिता यत्र तस्मिन् । सुविमलगगनाभे ईशसंज्ञेऽप्यनीशे, मम भवतु भवेऽस्मिन् भासुरो भावबन्धः ॥ १ ॥ निहतनिखिलमोहेऽधीशता यत्र रूढा, प्रकटितपरप्रेम्णा यो महादेवसंज्ञः । अशिथिलपरिरम्भः प्रेमरूपस्य यस्य, हृदि प्रणयति विश्वं व्याजमात्रं विभुत्वम् ॥ २ ॥ वहति…
Shiva Dwadasa Jyotirlinga Stotram – Shiv Dwadasa Jyotirlinga Stotra सौराष्ट्रे सोमनाथंच श्री शैले मल्लिकार्जुनम् | उज्जयिन्यां महाकालमोंकारममलेश्वरम् || परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीम शंकरम् | सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुका बने || वाराणस्या तु वश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे | हिमालये…
Daridraya Dahana Shiva Stotram – …
Shiv Raksha Stotra – Shiva Raksha Stotram चरितं देवदेवस्य महादेवस्य पावनम् । अपारं परमोदारं चतुर्वर्गस्यसाधनम् ॥ १ ॥ गौरीविनायकोपेतं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रकम् । शिवं ध्यात्वा दशभुजं शिवरक्षांपठेन्नरः ॥ २ ॥ गंगाधरः शिरः पातु फालमर्धेन्दुशेखरः । नयने मदनध्वंसी कर्णौ सर्पविभूषणः ॥ ३…
Shiva Mahimna Stotram – Shiv Mahimna Stotra पुष्पदन्त उवाच – महिम्नः पारं ते परमविदुषो यद्यसदृशी। स्तुतिर्ब्रह्मादीनामपि तदवसन्नास्त्वयि गिरः।। अथाऽवाच्यः सर्वः स्वमतिपरिणामावधि गृणन्। ममाप्येष स्तोत्रे हर निरपवादः परिकरः।। १।। अतीतः पंथानं तव च महिमा वांमनसयोः। अतद्व्यावृत्त्या यं चकितमभिधत्ते श्रुतिरपि।। स कस्य…