रघुपति राघव राजा राम
रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीता राम.तू राम भजन कर प्राणी, तेरी दो दिनकी जिन्दगानी ॥काया-माया बादल छाया,मूरख मन काहे भरमाया ।उड़ जायेगा साँसका पंछी, फिर क्या है आनी-जानी ॥तू० ॥१॥जिनके घरमें माँ नहीं है, बाबा करे ना प्यार;ऐसे…