अंगारकी चतुर्थी

इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें

अंगारकी गणेश चतुर्थी के विषय में गणेश पुराण में विस्तार पूर्वक उल्लेख मिलता है, कि किस प्रकार गणेश जी द्वारा दिया गया वरदान कि मंगलवार के दिन चतुर्थी तिथि अंगारकी चतुर्थी के नाम प्रख्यात संपन्न होगा आज भी उसी प्रकार से स्थापित है. अंगारकी चतुर्थी का व्रत मंगल भगवान और गणेश भगवान दोनों का ही आशिर्वाद प्रदान करता है तथा किसी भी कार्य में कभी विघ्न नहीं आने देते।
मंगलवार के दिन चतुर्थी का संयोग अत्यन्त शुभ एवं सिद्धि प्रदान करने वाला होता है. भक्त को संकट, विघ्न तथा सभी प्रकार की बाधाएँ दूर करने के लिए इस व्रत को अवश्य करना चाहिए. चतुर्थी को भगवान गणेश जी की पूजा का विशेष नियम बताया गया है. भगवान गणेश समस्त संकटों का हरण करने वाले होते हैं।
गणेश चतुर्थी के साथ अंगारकी का संबोधित होना इस बात को व्यक्त करता है कि यह चतुर्थी मंगलवार के दिन सम्पन्न होनी है. धर्म ग्रंथों में अंगारकि गणेश चतुर्थी के विषय में विस्तार पूर्वक उल्लेख मिलता है जिसके अनुसार, पृथ्वी पुत्र मंगल देव जी ने भगवान गणेश को प्रसन्न करने हेतु बहुत कठोर तप किया. मंगल देव की तपस्या और भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान गणेश जी ने उन्हें दर्शन दिए।
और चतुर्थी तिथि का संयोग जब भी मंगलवार अर्थात अंगारक के साथ आएगा वह तिथि अंगारकी गणेश चतुर्थी के नाम से संबोधित होने का आशिर्वाद प्रदान किया. इसी कारण मंगलवार के दिन चतुर्थी तिथि होने पर यह चतुर्थी अंगारक कहलाती है. श्री गणेश जी की पूजा समस्त देव पूजित हो जाते हैं, यदि इस दिन ‘ ऊं गं गौं गणपतये नम:’ का जाप करता है, तो निश्चय ही व्यक्ति को समस्त कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें
Gyanchand Bundiwal
Gyanchand Bundiwal

Gemologist, Astrologer. Owner at Gems For Everyone and Koti Devi Devta.

Articles: 466